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News Window 24 : सभी व्रतों में एकादशी का व्रत विशेष फलदायी होता हैं वही फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की में पुष्य नक्षत्र पर आने वाली एकादशी तिथि को ही आमलकी एकादशी के नाम से जाना जाता हैं इस दिन आंवले के पेड़ और भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा आराधना की जाती हैंऐसा कहा जाता हैं कि इस दिन आंवले की पूजा करने से मनुष्य के लिए वैकुण्ठ धा के द्वारा खुल जाते हैं उसे साक्षत सृष्टिक के संचालक भगवान विष्णु के चरणों में स्थान प्राप्त होता हैं। वही इस साल आमलकी एकादशी व्रत 6 मार्च यानी की कल मनाया जाएगा। यह पर्व 5 मार्च को दोपहर करीब 1:20 से शुरू होकर 6 मार्च को सुबह 11:50 तक रहेगा। तो आज हम आपको इस व्रत के महत्व के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
बता दें कि आमलकी एकादशी का व्रत करने से जातक को पुण्य फलों की प्राप्ति होती हैं इस व्रत को करने से पूर्व मनुष्य को शुद्ध भाव से व्रत करने का संकल्प लेना चाहिए। वही स्नान आदि क्रियाएं पूरी कर के भगवान श्री हरि विष्णु का श्रद्धा से धूप, दीप, नैवेद्य, फल और पुष्पों आदि से पूजन करना चाहिए। इस व्रत में आंवले की टहनी को कलश में स्थापित करके पूजन करना बहुत ही शुभ माना जाता हैं इस दिन आंवला खाना और दान करना बहुत ही पुण्यकारी होता हैं।वही आंवले के पेड़ को पुराणों में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता हैं अगर आमलकी एकादशी का व्रत करके आंवले के पेड़ की पूजा की जाए तो सभी देवी देवता प्रसन्न होते हैं।