Saturday, July 27, 2024

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बेहद अनोखी है भारत में चार जगहों की होली, जरा घूमकर तो आइए, जानिये कौन से है जगह

News Window 24: रंगों के त्योहार होली का पर्व  7 मार्च को मनाया जा रहा है व कुछ जगहों पर 8 मार्च को रंगों की होली खेली जाएगी। होली को पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। भारत में होली के त्योहार की अलग- अलग परंपरा और प्रथाएं हैं। कुछ जगह पर रंग वाली होली अधिक उत्साह से मनाते हैं, तो कुछ स्थानों पर होलिका दहन की खास परंपरा है। भारत की होली में शामिल होने के लिए लोग दूर दराज से आते हैं। भारत की कई स्थानों पर होली काफी प्रसिद्ध है। अगरआपकी होली के मौके पर घर से बाहर घूमने जाने की योजना है, तो भारत की ऐसी जगहों पर जाएं, जहां की होली सबसे लोकप्रिय एवं प्रसिद्ध है।

मथुरा-वृंदावन की लठमार होली

भारत में सबसे ज्यादा मशहूर और प्रसिद्ध होली उत्तर प्रदेश के मथुरा-वृंदावन में मनाई जाती है। श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा में लट्ठमार होली खेली जाती है। मथुरा के द्वारिकाधीश मंदिर और वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में होली का जश्न देखने लायक होता है। यहां लट्ठमार होली की परंपरा है, जिसमें महिलाएं डंडों या लट्ठ से पुरुषों को खेल में मारती हैं और रंग लगाती हैं। मुख्य रूप से ये होली मथुरा के वरसाना में मनाई जाती है। जिसे देखने लोग बाहर से आते है। आपको बता दें कि मथुरा, आगरा और उसके आस-पास के क्षेत्र को ब्रज क्षेत्र कहा जाता है इसलिए इस होली को ब्रज की होली भी कहा जाता है।  

बरसाना की लड्डू और छड़ीमार होली

लठमार होली की तरह ही बरसाना में छड़ीमार होली भी खेली जाती है। बरसाना की होली में महिलाएं प्रतिकात्मक तौर पर पुरुषों को लट्ठ या छड़ी से मारती हैं। पुरुष ढाल से रक्षा करते हैं। इसके अलावा होली से कुछ दिन पहले लड्डू मार होली खेली जाती है। मंदिर में पंडित लड्डू का भोग लगाते हैं, जिसके बाद भक्तों पर लड्डू फेंकते हैं। अबीर-गुलाल की होली भी खेलते हैं।

हंपी की होली

कर्नाटक के हंपी शहर में होली का उत्सव बेहद अनोखा होता है। हंपी की होली को देखने के लिए दूर दराज से लोग आते हैं। लोग यहां हंपी की ऐतिहासिक गलियों में ढोल नगाड़ों की थाप पर जुलूस निकालते हुए नाचते गाते निकलते हैं। रंग खेलने के बाद तुंगभद्रा नदी और सहायक नदियों में स्नान करने जाते हैं।

केरल की होली

केरल में होली मंजुल कुली और उक्कुली के नाम से मनाई जाती है। केरल की होली में रंगों से नहीं खेली जाती है। यहां होलिका दहन होता है और प्राकृतिक तरीके से होली मनाते हैं।

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