Tuesday, April 16, 2024

राज्य चुनें


देखिए आगरा के ग्रीन हाउस घर को और जानिए उनके बारे में जिन्होंने इसे बनाया है

हम जब भी अपने आसपास के पोलूशन को देखते हैं तो हमेशा यह सोचते हैं कि गवर्नमेंट्स इसको लेकर कुछ स्ट्रैटेजिस क्यों नहीं बनाती
गवर्नमेंट को कुछ एक्शन लेना चाहिए
कुछ अभियान चलाने चाहिए
पर जब रेड सिगनल होता है तो हम अपनी आदत से इतने मजबूर होते हैं कि इंजन भी बंद नहीं करते
अगर कुछ खाते हैं पीते हैं तो कचरा नॉर्मल ही ऐसे ही कहीं भी फेंक देते हैं
यहां तक की इतने सारे अभियान बचाओ पेड़ लगाओ पेड़ चलाने के बाद भी कोई फर्क नहीं पड़ता
पर जो लोग सरकार पर निर्भर ना होकर आत्मनिर्भर तरीके से अलग करने की सोचते हैं उन्हें द रियल हीरो कहा जाता है
आज की हमारी कहानी ऐसे ही एक व्यक्ति जिनका नाम चंद्रशेखर शर्मा है यह एक रिटायर एसबीआई ऑफिसर है
इनका अपना घर 300 साल पुराना है मुगल डायनेस्टी के समय का
परंतु चला आज इस घर को देखते हैं तो यह किसी यूरोपीयन जापानीज लाइफस्टाइल को दर्शाने का काम करता है
चंद्रशेखर जी ने अपने घर को एक वर्टिकल गार्डन के रूप में अपने हाथों से अपने मेहनत से अपनी क्रिएटिविटी से और अपने प्यार से इन सब से मिलकर संजोया है
आगरा में उपस्थित यह वर्टिकर्ल गार्डन अब लोगों के लिए एक टूरिज्म प्लेसिस का काम भी कर रहा है जब घर के अंदर प्रवेश करते हैं तो ऐसा लगता है कि अलग ही दुनिया में आकर रह रहे हो 
बाहर की दुनिया का ऑक्सीजन का पीएच और उनके घर के अंदर का पीएच जमीन आसमान का फर्क देखने को मिलता है
उनका मानना है कि जिंदगी मर मर के जीने के लिए नहीं बल्कि खुलकर जी कर एक बार मरने के लिए होती है
हमारे हिंदुस्तानी लोगों को समस्याएं तो बहुत है परंतु उन समस्याओं का समाधान करने के बारे में कोई नहीं सोचता
समाधान किसी सरकार या किसी कानून के तहत नहीं है बल्कि लोगों की सोच में है
अपने आप से प्यार करना अपने स्वास्थ्य को लेकर लापरवाह ना होना
बहुत कुछ करने की जरूरत नहीं है सिर्फ आम जिंदगी में थोड़े से कुछ बदलाव
जिसमें से एक है अपने घर में ऑक्सीजन वाले प्लांट लगाना हमारे घर में जगह नहीं है यह बात का बहाना भी करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि वर्टिकल कांसेप्ट घर में जगह भी नहीं मांगता आप की दीवार ही काफी है
पर जिसे कुछ करना ही ना हो उसके लिए बहुत सारी जगह भी बहुत कम है

चंद्रशेखर जी को यह वर्टिकल गार्डन का कौन सा है अपने पूर्वजों से और खुद की रूचि से अनुभव में आया
उनके पिताजी मिलिट्री ऑफिसर उन्हें भी गार्डनिंग का बहुत शौक है एक यह भी स्रोत रहा उनके इस झुकाव का
इस गार्डनिंग के लिए उन्हें कई बार सरकार के द्वारा आयोजित बाल उद्यान प्रतियोगिताओं में पुरस्कारों के साथ सम्मानित भी किया गया है


चंद्रशेखर जी एसबीआई के ब्रांच मैनेजर रहे और बैंक को लेकर उनका एक्सपीरियंस लगभग ठीक ठाक था
परंतु एक बात का उन्होंने अपने आप को भाग्यशाली समझाती हमारा बैंक सिस्टम मे कुछ 15 सालों में बहुत ज्यादा सुधार हुआ है
सब कुछ डिजिटल होने की वजह से भ्रष्टाचार की या फिर सोर्सेस की लूपहोल्स बहुत कम हो गए हैं
साथ ही साथ बैंक में काम कर रहे 
ऑफिसर पर जिम्मेदारी बढ़ गई हैं
उनकी उत्तेजना देखने में बहुत लोकप्रिय और मोटिवेशन वाली प्रतीत होती है वह आज रिटायर होने के बाद भी अपने जीके अपडेट्स के लिए सबको पीछे छोड़ देते हैं हर बात की जानकारी हर बात को समझना बातों को एनालाइज करना अच्छा लगता है 
जॉब से  भले ही उन्होंने रिटायरमेंट ले लिया हो परंतु जिंदगी में वह नौजवानों से भी ज्यादा कर्मशील है और यह बात हमें उनसे सीखनी चाहिए कि मरना और जन्म लेना हमारे हाथ में नहीं होता परंतु जिंदगी को खुशहाल तरीके से जीना सिर्फ और सिर्फ हमारे ही हाथों में होता है

उनका मैसेज सभी लोगों के लिए यही है कि बहुत ज्यादा नहीं तो हम ऑक्सीजन प्लांट अपने घर में अपने दीवारों पर लगाकर अपने स्वास्थ्य को लेकर थोड़े से जागरूक तो हो ही सकते हैं क्योंकि अगर हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहेगा तो हमारे जीवन की आदी से ज्यादा परेशानियां अपने आप ठीक हो जाएंगी
We really appreciate and respect the concept of vertical garden
The real hero Chandrashekhar Sharma

RESPONSES

COMMENTS

Related Posts