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News Window 24: भारत सहित दक्षिण-पूर्व एशियाई देश में दृष्टि हीनता और अंधेपन के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसे देखते हुए वैश्विक स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने आखों की देखभाल को जल्द से जल्द कार्रवाई करने का आह्वान किया है। इसके पीछे की प्रमुख वजह डाइबटीज को बताया है।
डब्ल्यूएचओ की माने तो विश्व भर में 2 अरब लोग अंधेपन की बीमारी से जूझ रहे हैं। इनमें से 30 फीसदी लोग दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों से हैं। इस पर चिंता जताते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन की क्षेत्रीय निदेशक डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की लगभग आधी आबादी को इस बीमारी से रोका जा सकता था। उन्होंने बताया कि बच्चे और वृद्ध लोग सबसे अधिक असुरक्षित हैं, जबकि ग्रामीण आबादी व जातीय अल्पसंख्यक समूहों में रहने वाली महिलाओं में अंधेपन की संभावना अधिक है ।